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प्रश्मान पर्खने का तो रख्चा मंतरी वाज़नाथ से दी मंतरी अपिच्छा, रख्चा मंतरी निर्वासीता आओ, उदेश मंतरी प्रिजिस चैशन का और देटी मंता और भी प्रिज़े लगा चाहिए।
पर इसके खाले ज़र्गार के चोटी सोच का भीला बता है।
ये हम नंदी की सोच का चोटा पंदर है।
किस तरही की सोच है?
तवी हम करते की चोटी सोच है।